शास्त्रों के मुताबिक सोमवार को व्रत रख शिवालय में शिव आराधना, शिव का गंगा या पवित्र जल से अभिषेक दृश्य और अदृश्य रूप से लौकिक और सांसारिक कामनाओं का पूरा करने वाला है। यहां बताई जा रही हैं ऐसी ही कामनाएं जो सोमवार को शिव पूजा और व्रत से पूरी होती है।
- अविवाहितों को योग्य और मनपसंद जीवनसाथी मिलता है।
- विवाहित स्त्रियां अखंड सौभाग्य यानि पति की लंबी आयु और संतान सुख प्राप्त करती है।
- रोजगार और धन के इच्छुक नवयुवक-युवतियां नौकरी के साथ मान-सम्मान, पैसा और प्रतिष्ठा पाते हैं।
- गृहस्थ पुरुष सुख-समृद्धि और पारिवारिक सुख पाता है।
- व्यवसायी या व्यापारी कारोबार से यश, कीर्ति, अपार धन और लक्ष्मी प्राप्त करता है।
-बुजूर्ग और बड़ी उम्र के पुरुष या महिला वृद्धावस्था के तन, मन के कष्टों और चिंताओं से मुक्त होते हैं। धार्मिक दृष्टि से वह पृथ्वीलोक का सुख प्राप्त कर देवलोक पाते हैं।
- छात्र और विद्यार्थी विद्या और बुद्धि पाते हैं।
- धर्मग्रंथों में सोमवार व्रत के अलग-अलग मासों में अलग-अलग फल भी बताए गए हैं। इस क्रम में सावन माह में किए जाने वाले सोमवार व्रत सबसे शुभ और श्रेष्ठ देते हैं।
- धार्मिक मान्यता है कि निरंतर 14 वर्ष तक सोमवार व्रत कर उद्यापन करने पर पुरुष-स्त्री अपार दाम्पत्य सुख मिलता है। संभव न होने पर इस अवधि के पूर्व भी व्रत का उद्यापन किया जा सकता है।
- अविवाहितों को योग्य और मनपसंद जीवनसाथी मिलता है।
- विवाहित स्त्रियां अखंड सौभाग्य यानि पति की लंबी आयु और संतान सुख प्राप्त करती है।
- रोजगार और धन के इच्छुक नवयुवक-युवतियां नौकरी के साथ मान-सम्मान, पैसा और प्रतिष्ठा पाते हैं।
- गृहस्थ पुरुष सुख-समृद्धि और पारिवारिक सुख पाता है।
- व्यवसायी या व्यापारी कारोबार से यश, कीर्ति, अपार धन और लक्ष्मी प्राप्त करता है।
-बुजूर्ग और बड़ी उम्र के पुरुष या महिला वृद्धावस्था के तन, मन के कष्टों और चिंताओं से मुक्त होते हैं। धार्मिक दृष्टि से वह पृथ्वीलोक का सुख प्राप्त कर देवलोक पाते हैं।
- छात्र और विद्यार्थी विद्या और बुद्धि पाते हैं।
- धर्मग्रंथों में सोमवार व्रत के अलग-अलग मासों में अलग-अलग फल भी बताए गए हैं। इस क्रम में सावन माह में किए जाने वाले सोमवार व्रत सबसे शुभ और श्रेष्ठ देते हैं।
- धार्मिक मान्यता है कि निरंतर 14 वर्ष तक सोमवार व्रत कर उद्यापन करने पर पुरुष-स्त्री अपार दाम्पत्य सुख मिलता है। संभव न होने पर इस अवधि के पूर्व भी व्रत का उद्यापन किया जा सकता है।
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