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Saturday, July 2, 2016

एक लोटा पानी

जब हम नियम और विश्वास के साथ एक लोटा जल लेकर उस जल के साथ खास तरह की क्रियाए करते हैं तो इन क्रियाओ से हमारे जीवन में आने वाली परेशानिया दूर हो जाती हैं. हमारे जीवन में आने वाले दुःख दूर हो जाते हैं. बीमारी ठीक हो जाती हैं. हमारे शारीरिक कष्ट दूर हो जाते हैं और हमारे जीवन में जो गृह बाधाएं जो दोष हैं वह सब दूर हो जाते हैं और हमें जीवन में सफलताएँ मिलती हैं, दुःख खत्म हो जाता है और सुख शान्ति बढती है. हमारी आय के स्रोत बड जाते हैं और इसके लिए हमें ना तो कुछ खर्च करना पड़ता है और ना ही शारीरिक मेहनत करनी पड़ती है बस रोजाना नियम से कुछ क्रियाएँ करनी पड़ती है. बिना किसी खर्च और मेहनत के हमारे जीवन में सब कुछ हमारे मुताबिक होने लगता है. केवल कुछ क्रियाए करके हमें जीवन में सुख प्राप्त होने लगता है और हमें सब कुछ अच्छा लगने लगता है. इसके लिए हमें सिर्फ ठोड़ी सी क्रियाएँ करनी पड़ती हैं. सुबह सूरज निकलने से पहले उठें. रोजाना की कार्यों से निमट कर नहा लें. साफ़ कपडे पहन लें. एक लोटा पानी लें, उसमें एक चुटकी रोली डाल लें और थोडा सा गुड़ और लाल फूल डाल लें. इस पानी से उगते हुए सूरज को अर्ग्य दें. अपने हाथों को सिर तक ले जायें. यहाँ ध्यान देने वाली बात यही है की सूरज उगता हुआ होना चाहिये जिसको कि आप देख सकें. सूर्य लालिमा युक्त होना चाहिये. दूसरी जो ध्यान देने योग्य बात है वह ये है की जो पानी आप सूरज को अर्पित कर रहे हैं उस पानी के छीटें पैरों पर नहीं गिरने चाहिये अर्थात पानी अशुभ स्थान पर नहीं गिरना चाहिये. पानी गिराते समय गायत्री मन्त्र का उच्चारण करें. यह क्रिया शुक्ल पक्ष की रविवार से शुरू करें और रोजाना नियमित रूप से करें. यदि यह क्रिया रोजाना नही कर पाते है तो प्रत्येक रविवार के दिन अवश्य करे.  
 
एक लोटा जल किस्मत में भारी बदलाव ला सकता है
एक लोटा जल किस्मत में भारी बदलाव ला सकता है

इसके साथ एक क्रिया और करें. एक लोटा पानी में थोडा सा दूध डाल लें और रात को सोते समय इसे अपने सिराहने की तरफ रख लें. लोटे को इस तरह रखें की यह गिरे नहीं. सोमवार की सुबह इसे बबूल के पेड़ पर चड़ा दें, यहाँ ध्यान रखे की कोई आपसे बात न करे. इस एक लोटे पानी की क्रियाओं को करने से गृह दोष दूर हो जायेंगे, आपके रास्ते की जो बाधाएं होती हैं वो सब दूर हो जाती हैं. रोग-कष्ट खत्म होने लग जायेंगे. आपके जीवन में उर्जा और उमंग भर जाएगी और दिनचर्या सही हो जाएगी. पितृ दोष दूर हो जायेंगे इष्ट देव की क्रपा प्राप्त होगी. सेहत ठीक हो जाएगी और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी.  

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