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Friday, July 3, 2015

पथरी के लिए घरेलू उपचार

अगर किसी कारण से पेशाब गाढा हो जाता है तब शरीर में पथरी होना शुरू हो जाती है। पहले छोटे-छोटे दाने बनते हैं बाद में दाने बढ़ जाते हैं जिसे पथरी कहते हैं।
पथरी का दर्द कभी-कभी बर्दाश्त से बाहर हो जाता है। पथरी होने पर पेशाब करने में बहुत दिक्कत होती है और कई बार पेशाब रूक जाता है। पथरी होने की कोई उम्र नहीं होती है, यह किसी भी उम्र में हो जाती है। आइए हम आपको पथरी के घरेलू नुस्खे के बारे में जानकारी देते हैं। कई बार य‍ह बीमारी अनुवांशिक भी हो सकती है।

पथरी के लिए घरेलू उपचार

    1. नारियल का पानी पीने से पथरी में फायदा होता है। पथरी होने पर नारियल का पानी पीना चाहिए।   
    2. 15 दाने बडी इलायची के एक चम्मच, खरबूजे के बीज की गिरी और दो चम्मच मिश्री, एक कप पानी में मिलाकर सुबह-शाम दो बार पीने से पथरी निकल जाती है।
    3. पका हुआ जामुन पथरी से निजात दिलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पथरी होने पर पका हुआ जामुन खाना चाहिए।
    4. आंवला भी पथरी में बहुत फायदा करता है। आंवला का चूर्ण मूली के साथ खाने से मूत्राशय की पथरी निकल जाती है।
    5. जीरे और चीनी को समान मात्रा में पीसकर एक-एक चम्मच ठंडे पानी से रोज तीन बार लेने से लाभ होता है और पथरी निकल जाती है।
    6. सहजन की सब्जी खाने से गुर्दे की पथरी टूटकर बाहर निकल जाती है। आम के पत्ते छांव में सुखाकर बहुत बारीक पीस लें और आठ ग्राम रोज पानी के साथ लीजिए, फायदा होगा।
    7. मिश्री, सौंफ, सूखा धनिया लेकर 50-50 ग्राम मात्रा में लेकर डेढ लीटर पानी में रात को भिगोकर रख दीजिए। अगली शाम को इनको पानी से छानकर पीस लीजिए और पानी में मिलाकर एक घोल बना लीजिए, इस घोल को पी‍जिए। पथरी निकल जाएगी।
    8. चाय, कॉफी व अन्य पेय पदार्थ जिसमें कैफीन पाया जाता है, उन पेय पदार्थों का सेवन बिलकुल मत कीजिए। हो सके कोल्ड्रिंक ज्यादा मात्रा में पीजिए।
    9. तुलसी के बीज का हिमजीरा दानेदार शक्कर व दूध के साथ लेने से मूत्र पिंड में फ़ंसी पथरी निकल जाती है।
    10. जीरे को मिश्री की चासनी अथवा शहद के साथ लेने पर पथरी घुलकर पेशाब के साथ निकल जाती है।
    11. बेल पत्थर को पर जरा सा पानी मिलाकर घिस लें, इसमें एक साबुत काली मिर्च डालकर सुबह काली मिर्च खाएं। दूसरे दिन काली‍ मिर्च दो कर दें और तीसरे दिन तीन ऐसे सात काली मिर्च तक पहुंचे।
    12. आठवें दिन से काली मिर्च की संख्या घटानी शुरू कर दें और फिर एक तक आ जाएं। दो सप्ताह के इस प्रयोग से पथरी समाप्त हो जाती है। याद रखें एक बेल पत्थर दो से तीन दिन तक चलेगा।


      पथरी होने पर ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। शरीर में पानी की कमी होने से गुर्दे में पानी कम छनता है। पानी कम छनने से शरीर में मौजूद कैल्शियम, यूरिक एसिड और दूसरे पथरी बनाने वाले तत्व गुर्दे में फंस जाते हैं जो बाद में धीरे-धीरे पथरी का रूप ले लेते हैं।

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