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Wednesday, July 1, 2015

निरोगी रहने के उपाय


स्वस्थ और निरोगी कौन रहना नहीं चाहता है। आयुर्वेद में लिखा है निरोगी रहने के महत्वपूर्ण नियम। जो शायद बहुत कम लोगों को ही मालूम है। अक्सर कई गलत आदतों और जानकारी न होने की वजह से शरीर में कई गंभीर रोग लग जाते हैं और इंसान की उम्र धीरे-धीरे कम होने लगती हैं। जीवन को अधिक समय तक जीने के लिए इंसान को कुछ नियमों का पालन करना होगा। लेकिन वर्तमान की भाग दौड़ वाली जिंदगी में किसी के पास समय नहीं है। लेकिन अब परेशान होने की जरूरत नहीं है। आयुर्वेद में छिपे इन नियमों को वैदिक वाटिका आप तक पहुंचा रहा है। साधारण से दिए गए ये नियम बेहद प्रभावशाली हैं।
निरोगी रहने के नियम
1. पेट नरम, सिर ठंड़ा और पैर गरम रहना अच्छी सेहत का नियम है।
2. सुबह हमेशा सूर्य उगने से पहले यानि सूर्योदय से पहले उठें। और एक बार सुबह उठने के बाद दोबारा न सोएं। औैर रात में तांबे के बर्तन में रखा पानी सुबह सेवन करें।
3. खाना खाने से पहले पानी न पीएं क्योंकि इससे पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। जिस वजह से शरीर में मोटापा बढ़ने लगता है। खाना खाने के बाद तुरंत पानी भी पीना सेहत के लिए खराब होता है।
4. खाना खाने के बाद 100 कदम तक टहलें। इससे खाना सही तरह से पचता है और शरीर निरोगी रहता है।
5. शौच करते समय बांएं पैर पर जोर लगाने से बवासीर रोग नहीं होता है।
6. मल त्यागते समय जबड़े को कसकर भींचने से दांत जीवन भर नहीं हिलते हैं।
7. सप्ताह में एक बार पूरे शरीर में सरसों के तेल की मालिश करनी चाहिए।
8. मुंह में पानी भरकर आंखों में छपाके मारने से आंखे कभी कमजोर नहीं होती और आंखों की रोशनी तेज होती है।
9. खाना भूख से कम ही खाएं। ज्यादा खाना खाने से बचें।
10. रात को बिस्तर पर जाने से पहले ठंडे पानी से हाथ पैर धोकर सोएं।
11. योग, ध्यान और अनुलोम-विलोम को रोज करने की आदत बना लें।
इन प्राकृतिक आयुवेर्दिक नियमों का पालन करने से इंसान को किसी भी प्रकार का गंभीर रोग नहीं लगता है। आदतों में बदलाव लाना बेहद मुशकिल काम है लेकिन धीरे-धीरे बदलाव लाने से और इन प्राकृतिक नियमों को अपनाकर लंबी उम्र और अच्छी सेहत पाई जा सकती है।

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