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Monday, January 6, 2014

२ से ५ वर्षतकके बच्चोंपर कौन - कौनसे संस्कार करें ?

२ से ५ वर्षतकके बच्चोंपर
कौन - कौनसे संस्कार करें ?

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By Bal Sanskar
         बालमनपर जिस प्रकारके संस्कार किए जाते है, उसीके अनुसार आगेके कालमें बच्चोंका वैसा ही स्वभाव हो जाता है ।  बालआयुमें होनेवाले संस्कारोंके कारणही बच्चोंका व्यक्तित्व निर्भर करता है । अपने बच्चोंपर क्या संस्कार करें, यह प्रश्न सर्वसामन्य जनोंके मनमें उत्पन्न हो सकता है । उसके लिए बच्चोंको कौनसी बातोंका अभ्यास बालपनसे ही करवाना चाहिए । इसके संदर्भमें निम्नलिखत जानकारी दे रहे हैं।


इस आयुके बच्चोंको निम्न बातोंका
अभ्यास करवाकर उनमें अच्छे संस्कार भी करें ।

१. भोजनके पूर्व हाथ-पाव एवं मुहको स्वच्छ करवाएं ।
२. उनके स्वयंके हाथसे ही भोजन करना सिखाएं ।
३. भोजनके अथवा कुछ भी खानेके उपरांत कुल्ला करना एवं दात स्वच्छ  करना सिखाएं ।
४. मल त्याग करनेके उपरांत उनसे स्वयं गुदद्वारका भाग एवं हाथ-पैर पानीसे स्वच्छ करना सिखाएं ।
५. स्वतंत्रतरूपसे अलग बिछानेपर सुलाएं तथा आवश्यकतानुसार रात्रिमें अल्प प्रकाशके दियाका (बल्बका) उपयोग करें ।
६. खासी अथवा छींक आनेपर नाक-मुहपर हाथरुमाल रखना सिखाएं ।
७. ‘धन्यवाद’, ‘नमस्कार’ ऐसे शब्दोंका उपयोग कर लोगोंका स्वागत करना सिखाएं ।
८. खेल समाप्त होनेपर अपने खिलोनोंको पेटिकमें(खनमें)  व्यवस्थित रखना सिखाएं ।
९. शूरवीरोंकी कथाएं सुनाएं ।
१०. सुभाषित, श्लोक, सूक्त, कंठस्थ कर उसका उपयोग मंगल अवसरोंपर करवाएं ।
११. रात्रि शयनसे पूर्व एवं सुबह उठनेके उपरांत ईश्वरका स्मरण करना सिखाएं ।
१२. प्रतिदिनी बडे जनोंको झुककर नमस्कार करना सिखाएं ।
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