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Wednesday, March 30, 2011

यदि भगवान की पूजा में दीपक बुझ जाए तो...?

शास्त्रों में भगवान को प्रसन्न करने के लिए कई मार्ग बताए गए हैं। यह अलग-अलग विधियां भगवान की प्रसन्नता दिलाती है जिससे हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए सबसे अधिक प्रचलित उपाय है भगवान की आरती।

आरती के संबंध में कई नियम बताए गए हैं। शास्त्रों के अनुसार आरती करते समय दीपक का बुझना अपशकुन माना जाता है। इसी वजह से इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि पूजा आदि कर्म जब तक पूर्ण ना हो जाए दीपक जलता रहना चाहिए। यदि किसी भी कारण से दीपक बुझ जाता है तो ऐसा माना जाता है कि जिस मनोकामना के लिए पूजा की जा रही है उसमें अवश्य ही कोई बाधा उत्पन्न हो सकती है।

आरती करते समय यदि दीपक बुझ जाता है तो भगवान से क्षमा याचना करते हुए पुन: दीपक जलाकर आरती करना चाहिए। साथ ही जिस कार्य के लिए पूजा की जा रही है उस कार्य को करते समय पूरी सावधानी रखनी चाहिए। अन्यथा सफलता प्राप्त करना काफी मुश्किल हो सकता है। आरती के लिए दीपक तैयार करते समय ध्यान रखें की दीपक में पर्याप्त तेल या घी भरा जाए। दीपक की बत्ती जो कि रुई की बनाई जाती है वह भी अच्छे से बनाना चाहिए। साथ ही पूजा-अर्चना करते समय उस क्षेत्र में पंखा या कूलर आदि भी नहीं चलाना चाहिए जिसकी हवा से दीपक बुझ सकता है। पूजन कार्य में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। भगवान की आराधना से पहले खुद को अच्छे पवित्र कर लेना चाहिए।

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